तो दोस्तों आखिरकार भारत सरकार अफगान को लेकर कुछ निर्णायक कदम उठाती हुयी दिख रही है, अफगान तो वैसे भी भारत से यही चाहता था, की भारत वैश्विक मंच पर तालिबान के खिलाफ कुछ कहे, साथ ही इस समय मिडिल ईस्ट में आतंक फ़ैलाने में तालिबान की जो कोई भी मदद कर रहा है, उन्हें भी एक्सपोज करे, तो दोस्तों भारत ने अब यही कदम उठाते हुए तालिबान और उसके सहयोगी देशों को जोरदार फटकार लगाई है, दरअसल ये बात आप सभी को मालूम होगी, फिलहाल के भारत दुनिया के सबसे बड़े और ताकतवर मंच यानी यूनाइटेड नेशन सिक्यूरिटी कौंसिल का अध्यक्ष है, स्थायी और अस्थायी जितने भी देश इस सुरक्षा परिषद सदस्य है, वे फिलहाल भारत की अध्यक्षता में काम करेंगे, हालाकि ये खुर्सी भारत को सिर्फ महीने के लिए ही मिली, लेकिन भारत ने इसका बखूबी फायदा उठाकर तालिबान पर नकेल कसना शुरू कर दी है.
बता दे की भारत को यूनाइटेड नेशन सिक्यूरिटी कौंसिल का अध्यक्ष बनाने के बाद, भारत ने बिना कोई देर किये, सीधे अफगान को लेकर एक बैठक आमंत्रित की, जहा पर 5 वीटो पॉवर वाले देश और १५ अस्थायी सदस्य देशो के समाने, अफगान में बिगड़ते हालातों पर अपने विचार साझा किये, कहा जा रहा है की इस बैठक में भारत ने तालिबान पर कडी आपत्ति जताते हुए, अफगान में जारी इस जंग को फौरण रोकने के आदेश दिए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, की अफगानिस्तान के पड़ोसी के तौर पर, वहां की वर्तमान स्थितियां हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है, ये जंग अब अफगान तक सिमित नहीं रही, बल्कि पुरा मिडिल ईस्ट इसके चपेट में आ चूका है,
तालिबान अपनी सीमाए लांघकर अब भारत समेत कई देशो की और रुख करता दिखाई दिया, जिसे की अंतराष्ट्रीय युद्ध के तौरपर देखा जायेगा, बल्कि इस विवाद को रोकने के बजाय, कुछ देश तालिबान का खुलकर समर्थन भी करते देखे गए, जो की सचमे चिंता का विषय है, और यही वजेह ही की 20 देशी की इस महासभा में, भारत ने सबके सामने ये ऐलान करते हुए कहा, एक पडोसी होने के तौरपर भारत, अफगानिस्तान को वो हर संभव मदद करता रहेगा, जिससे वहां शांति, लोकतांत्रिक एवं समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके, और सबसे खास, भारत के इस निर्णय का वहा बैठे सभी सदस्य देशों ने स्वागत भी किया, संयुक्त राष्ट्र के लिए अफगान के राजदूत गुलाम इसाकजई ने भी, भारत के इस फैसले पर अपनी ख़ुशी जाहिर की,
तो ये तालिबान और उसके सहयोगी देश यानी पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटक होगा, की UN का प्रेसिडेंट भारत, अब खुलकर अफगान के पक्ष में अपनी बात रख रहा है, और भारत की इन बातों से वीटो पॉवर वाले देश भी सहमत है, वैसे आप बताईये की भारत के पास 1 महीने के लिए UN की कुर्सी है, तो इस मौके का फ़ायदा उठाकर भारत ने तालिबान के खिलाफ कोंसी बडी कार्रवाई कर देनी चाहिए.