तो दोस्तों लद्दाख की और से चीन चुबने वाली खबर सुनने को मिल रही है, जी हा दोस्तों जो काम बीते कई सालो में चीन LAC पर नहीं कर सका, उसी काम को भारत ने बीते एक साल में कर दिखाया, ना सिर्फ इस काम को वक्त पे पूरा कर दिया, बल्कि इस तरेह का निर्माण कार्य करने में अब भारत ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है, और ये रिकॉर्ड बना भी कहा सीधे चीन के सामने लद्दाख में, जी हा दोस्तों खुद मंत्रालय की और से इस निर्माण कार्य को लेकर जानकारी साझा की गयी, जिससे चीन को और भी मिर्ची लगी होगी, सीधे मुद्दे की बात करे तो न्यूज़ 18 की तरफ से कहा गया, की देश की सीमा सडक संघटन यानी BRO ने पुर्वी लद्दाख के चेक पॉइंट, यानी उम लिंगला दर्रे पर, तकरीबन 19,300 फिट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची वाहन योग्य सड़क का निर्माण कर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया.
मंत्रालय के जानकारी के मुताबिक, इस रोड कंस्ट्रक्शन ने BRO की तरफ से ही बीते साल बोलिविया में, 8,900 फीट की ऊंचाई पर बनी सड़क का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया, बताते चले की की उम लिंगला दर्रे की यह सड़क पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के मेंहत्वपूर्ण कस्बों को जोड़ती है. ये सेना के लिए फायदेमंद है ही, साथ ही यहा स्थानीय आबादी के लिए किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि ये सड़क लेह से डेमचोक को जोड़ने वाला एक सीधा राजमार्ग बन चूका है. इससे लेह लद्दाख की आर्थिक स्थिति तो बेहतर होगी ही, बल्कि पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा मिलेगा, चीन हैरान है की भारत की रोड ऑर्गेनाइजेशन जिस हिसाब से लद्दाख में सड़को का निर्माण कर रही है, वो काम चीन बेहतर इक्विपमेंट होने के बावजूद भी नहीं कर पा रहा.
बताते चले की जो ये 19000 की फिट पर सडक बनायीं गयी है, वहा काम करने योग्य ऑक्सीजन भी नहीं थी, क्योकि इतने उचाई वाले इलाकों में तापमान -40 डिग्री सेल्सिअस से निचे और ऑक्सीजन लेवल सिर्फ 50 प्रतिशत ही रह पाती है, फिर भी ऐसी हड्डिया जमा देनी वाली थंड में हमारे मजदूरों ने दुनिया की सबसे मजबूत सडक बनकर दिखा दी है, मंत्रालय ने तो ये तक केह दिया, कि इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों से भी ऊंचे स्थान पर किया गया है, जो अपने आप में ही एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है, इस सडक के बन जाने से अब भारतीय सेना उचाई वाले इलाकों में भी आसानी सैन्य हथियार ट्रासपोर्ट कर पायेगी, साथ ही इतनी उचाई से पुरे LAC पर नजर रखी जा सकेगी, तो वेपन्स ट्रासपोर्ट के मामले में इसे देश की सबसे क्रूशियल सडक मानी जा सकती है.
इतनी बढ़िया और रणनीति के हिसाब से मेहत्वपूर्ण सडक बनाने वाले उन ऐंजीनियर्स और मजदूरों के लिए एक जय हिंद जरुर लिखे.