दोस्तों ये तो हम सभी को पता है, की पेहले मुकाबले भारत अब विदेशी सैन्य हथियार खरीद काफी काम कर रहा है, जबकि उन्ही पैसों देश में बने हथियार ख़रीदे जा रहे है, इससे मेक इन इंडिया पेहेल को बढावा भी मिल रहा है, लोगों को रोजगार भी दिए जा रहे है और सबसे खास देश का पैसा देश में ही निवेश हो रहा है, और इसी स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका चीन और रशिया जैसे देश आज मालामाल है, क्योकि वो विदेशी हथियारों के बजाय खुदके बनाये हथियार यूज़ करना पसंत करते है, फिर चाहे वो काम करे या फिर ना करे, पर हथियार तो देश में ही बना होना चाहिए और वैसे भी जब तक इस्तेमाल नहीं करेंगे, तब तक पता कैसे चलेगा, की ये काम भी करता है या नहीं, अगर भारत ने भी इसी मॉडल को आज से 20 साल पेहले भी अपनाया होता तो आज भारत इन हथियार निर्यातक देशों लिस्ट में शुमार रेहता.
खैर! देर से ही सही अब की बार भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हए आत्मनिर्भर भारत मोहिम को लेकर बड़ा फैसला लिया, दरअसल इंडियन डिफेंस न्यूज़ वेबसाइट की और से ये जानकरी साझा की गयी आने वाले 2 हफ्तों के भीतर आर्म फोर्सेज के लिए, करीब 3800 करोड की स्वदेसी सैन्य हथियार खरीद की जाएगी जिसमे 25 एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर, ड्रोन, और कुछ रेडार सिस्टम जैसे बड़े टिकट वाले इटोम शमिल है, ऊपर से 5000 करोड की लागत से 7.5 लाख इंडो रशियन AK-203 असॉल्ट राइफल्स की डील पेहले फाइनल हो चुकी है, जिन्हें अमेठी में OFB बनाएगी, नेवी की बात करे तो भारतीय नौसेना के लिए 1735 करोड रुपयों की लगता से, 40 एंटी शीप क्रूज मिसाइल उनके स्पेयर पार्ट्स और 10 Naval Shipborne Unmanned Aerial Systems भी ख़रीदे जायेंगे, ताकि चीनी खतरे से नेवी के बड़े जंगी जहाजो को बचाया जा सके.
रही बात एयर फोर्स की तो पुरे 1000 करोड रुपये वायुसेना के अग्रिम फाइटर जेट यानी सुखोई पर खर्च होंगे, जानकारी के मुताबिक मंत्रालय की तरफ से पुरे 1000 करोड रुपये DRDO को दिए जांयेंगे जो सुखोई विमान के लिए नेक्स्ट जेनेरेशन के Digital Radar Warning Receivers, Counter Measure System और एवियोनिक्स बनाएगा ताकि सुखोई विमानों को पेहले के मुकाबले बेहतर और घातक बनाये जा सके, कुलमिलाकर देखा जाये तो करीब करीब 11535 करोड की महा मेगा डील आने वाले हफ्तों की भारतीय सेना के लिए की जाएगी, और ये सभी हथियार देश में बने होंगे, जय हिंद.