दोस्तों क्या आपको ये आतीशबाजी याद है, जिसकी वजेह से पिछले दिनों 2 देशों की बीच जमकर युद्ध हुआ था, जी हा दोस्तो ये वही रॉकेट्स है जिन्हें हमास की ओर से यहूदी को मारने इजराइल पर दागे गये थे, हालांकि इजराइल के अभेद्य सुरक्षा कवच यानी आयरन डोम ने इन्हें नाकाम किया, ओर बदले में हमास के कई शहेर जलाकर राख भी कर दिए, आपको याद होगा कि उन दिनों लगभग सभी मुस्लिम देश इजराइल के खिलाफ थे, तुर्की तो रूस की स्पेशल फ़ोर्स लेके इजराइल पर धावा बोलने की बात कर रहा था, हालांकि तुर्की को अब ग्रे लिस्ट किया जा चुका है लेकिन उसका घमंड ना अभी पूरी तरेह नही टुटा , पर ब्लैक लिस्टेड होने के बाद वो भी तूट जाएगा.
खैर आज में ये सब बातें इसीलिए बता रहा हु, क्योकि इजराइल ने एक बार फिर ऐसा कारनामा कर दिखया, की पूरा UN देखता रेह गया, जी हा दोस्तो इतनी हिम्मत तो सिर्फ इजराइल ही दिखा सकता है, सबसे पेहले तो आप इस न्यूज़ को पढ़िए मॉर्निंग एक्सप्रेस की ओर से जारी इस न्यूज़ के मुताबिक, इजराइली राजदूत ने 20 देशों की भरी सभा मे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सबसे महत्वपूर्ण रिपोर्ट फाड़ दी, ओर कहा कि इसकी सही जगेह सुरक्षा परिषद का ये मंच नही तो वहा बाजू में रखे कूडेदान में है, खबर के मुताबिक, UN में इजराइल के राजदूत गिलाद अर्दन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर United Nation Human Rights Council की सालाना रिपोर्ट फाड़ दी.
दरअसल इस रिपोर्ट में गाजा पट्टी पर इजराइल ने हमास के आतंकियों को मारने जो बम बरसाए थे, उसे लेकर जांच समिति आयोजित की गई थी, इस रिपोर्ट में इजराइल पर ये आरोप लगाए गए थे, किन इस बमबारी में इजराइल ने गाजा पट्टी में रेहने वाले 65 बच्चों, 40 महिलाये ओर 16 बुजुर्गों सहित 200 फलीस्तीनियों की जान ली, इसके अलावा भी इस रिपोर्ट में इजराइल की कड़ी आलोचना की गई थी, अब इसी रिपोर्ट पर गुस्सा हुए इजराइली राजदूत ने इसे सबके सामने फाड़ दी और इसकी सही जगेह डस्ट बिन बताई अर्दन के मुताबिक, आज दुनिया मे कई देशों में लोगों पर अत्याचार हो रहा है, लोग भूख से मAर रहे है, सबसे बडा उदाहरण तो तालिबान है, लेकिन उसपर कोई कुछ नही बोलता, जबकि UN को सिर्फ इजराइल ओर भारत जैसे देश दिखते है, जो देश चरमपंथी संगठनों को जड से उखाड फेकने की कोशिश कर रहे है, उँन्हे सहायता देने के बजाय UN उँन्हे बदनाम कर रहा है.
इजराइल ने UN की इस रिपोर्ट को निराधार, एकतरफा, ओर इजराइल को बदनाम करने वाली रिपोर्ट बताई, हालांकि इजराइल राजदूत के इस एक्शन से ज्यादातर मुस्लिम देशों ने उनकी आलोचना की ओर इसे UN के रूल्स खिलाफ बताया जबकि बही बैठे कुछ भारतीय राजदूतों ने इजराइल के इस बयान का समर्थन किया, वैसे इजराइल आज भी यही मानता है कि UN सिर्फ एक बेहस करने का मंच है ओर कुछ नही, यहा कभी सही फैसले नही लिए जाते, कुछ देश इसे अपने निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते है,
तो क्या आप भी इजराइल की इन बातों से सहमत है, ओर UN को लेकर आपका मन क्या केहता है.