दोस्तों बहोत ही बड़ा अपडेट भारत के ब्रह्मास्त्र को लेकर सुनने को मिल रहा है जी हां दोस्तो सेना भी इसी के इंतजार में थी की कब केंद्र की ओर से इस हथियार को लेकर हरि झंडी दी जाती है, चीन तो इस खबर से इतना बौखला गया कि उसके विदेश विभाग की तरफ से मानो स्टेटमेंट्स की बहाड आ गई हो, दरअसल चीन चाहता ही नही की भारत ईस तरेह का कोई फैसला ले, जो उसके सुरक्षा सिस्टम को चंद मिनटों में नेस्तनाबूद कर दे, जी हां दोस्तो यहा में बार कर रहा हु भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल्स ब्रह्मोस, आपको याद ही होगा कि आज से 4 दिन पहले यानी बुधवार को ब्रह्मोस के नए वैरिएंट यानी ब्रह्मोस A का सुखोई विमान से सफल टेस्ट किया गया, जिसमे सभी पैरामीटरर्स को पूरा करते हुए ब्रह्मोस ने 320km के दूरी पर रखे लक्ष्य को बड़ी सटीकता से हिट किया था.
ओर इसी परीक्षण के साथ ब्रह्योस के यूजर ट्रायल भी पूरे हुए, ओर अब ये एयरफोर्स के विमानों पे लगने के लिए पूरी तरेह से तैयार है, आपको बता दु की फिलहाल इंडियन आर्मी ओर नेवी दोनों के पास 3000 से ज्यादा लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल्स मौजूद है, लेकिन एयरफोर्स के पास सिर्फ लिमिटेड नंबर्स में ही ब्रह्मोस मिसाइल्स मौजूद थी, वो भी सिर्फ सुखोइ विमानों के लिए, लेकिन डिफेंस न्यूज़ की ओर से जारी खबर के मुताबिक केंद्र की ओर से ब्रह्मोस हवाई के वर्शन के प्रोडक्शन को मंजूरी मिल चुकी है, आपको बता दे कि ब्रह्मोस के सफल परीक्षण के बाद केंद्र की ओर से फैसला लिया गया कि सुखोई ओर आगे जाकर तेजस सीरीज के विमानों पे डिप्लॉय करने ब्रह्मोस मिसाइअल्स की करीब 1500 यूनिट बनानी की मंजूरी DRDO मिल चुकी है.
350 से लेकर 500km तक प्रहार करने वाली ब्रह्मोस अभी तक सुखोइ विमानों के लिये ही बनाई गई थी लेकिन इसी साल तेजस से भी ब्रह्मोस के परीक्षण किए जाएंगे, केंद्र का मानना है कि ब्रह्मोस भारत का प्रमुख हथियार है, ओर यही एक मिसाइल है जिसके आगे चीन भी कुछ नही कर पाता, इसलिए संभावित खतरे को देखते हुए ब्रह्मोस देश के ज्यादातर विमानों पे तैनात होगी जरूरी है, बताया जा रहा हूं कि तेजस ओर मिग सीरीज के जो विमान है उनपे लाइट वेट ब्रह्मोस यानी ब्रह्मोस NG डिप्लॉय होगी, जबकि सुखोइ पे 2.5 टन वजनी परमाणु विस्फोट ले जानी वाली ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की जाएंगी, ओर इन्हीं ब्रह्मोस से लैस IAF के विमान आगे जाकर LAC पे तैनात होंगे, जिसे लेकर चीन भारत को नसीहत दे रहा कि भारत चीन को उकसाने की कोशिश ना करे, खैर चीन तो चिल्लायेगा ही, लेकिन आप बताईये अगर चीन के गढ़ में घुसपर ब्रह्मोस दागनी है तो ब्रह्मोस की रेंज कितनी होनी चाहिए नीचे कमेंट जरुर करे.