दोस्तों गलवान घाटी में घुसपैठ की नाकाम कोशिश करने वाली चीन को उसीके पडोसी देशों के साथ घेरने की पूरी तैयारी भारत कर चुका है, भारत जानता है कि चीन वो देश नही जो सीधी बात से मान जाए जबतक उसपे कुछ बडा एक्शन ना लिया जाए चीनी हरकतों पे रोक नही लगने वाली आपने कल की वो वीडियो जरूर देखी होगी जब भारतीय कमांडर ने 9 चीनी सैनिकों को बुमला दर्रे के पास अवैध तरीके से गश्त लगाते पकडे थे, फिर भी चीन रुक नही रहा इसीलिए अब चीन को उसके पड़ोसी देशों से हराने की तैयरिया की जा रही है.
दरअसल दोस्तों फिलीपींस के बाद अब वियतनाम को ब्रह्मोस बेचे जाने पर फोकस किया जा रहा है, ओर वियतनाम को ब्रह्मोस बेचने के लिए भारत इतना एक्ससिटेड है, कि इस मसले पर बात करने खुद राजनाथजी वियतनाम दौरे पे जाने वाले है जी हां दोस्तो डिफेंस न्यूज़ के खबर के मुताबिक, जनवरी के 2 दूसरे हफ्ते रक्षामंत्री वियतनामी दौरे पर रवाना होंगे और इस यात्रा का मेन मकसद सिर्फ ब्रह्नोस ही बताया गया, आप सभी को पता है कि ताइवान की तरेह चीन वियतनाम को भी एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नही देता, चीन आज भी वियतनाम को अपना हिस्सा मानता है और वहा हमेशा अपने फाइटर जेट्स भी भेजता रेहता है जिससे कि वियतनामी सरकार काफी परेशान है.
चीन की इसी घुसपैठि को रोकने वियतनाम ने भारत से ब्रह्नोस खरीदने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन ब्रह्मोस मेंहगी होनी की वजेह बात आगे नही बढ पाई, कीमत की वजह रुकी इस डील को आगे बढाने रक्षामंत्री वियतनाम जा रहे है, कहा जा रहा है कि वियतनाम को ब्रह्मोस बेचने भारत की ओर से वियतनाम को 3500 हजार करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट दी जाएगी जिसके की वियतनामी सेना शुरुवाती तौरपर कम पैसे देकर किश्तों में ब्रह्मोस लॉन्चर भारत से खरीद सके ऐसी ही आफर फिलीपींस को भो दी गयी थी, जो अब ब्रह्मोस ख़रीदने के लिए पूरी तरेह से तैयार है, ये पेहली बार है जब चीन के पड़ोसी देशों को ब्रह्मोस बेचने भारत अपनी ओर से करोडो रुपये निवेश कर रहा हो, आपको क्या लगता है वियतनाम की जरूरत को देखते हुए क्या हमें उसे ब्रह्मोस देनी चाहिए या फिर नही निचे कमेंट करके जरुर बतायेगा.
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