जी हा दोस्तो DRDO will test फायर new हाई स्पीड railgun ओर ये में नई तो टॉप डिफेंस न्यूज़ एजेंसीज केह रही है, अचानक railgun का परीक्षण इसीलिए आयोजित किया रहा है क्योंकि चीन और नॉर्थ कोरिया की ओर से मिसाइल परीक्षणों की बारिश हो रही है, आपको पता ही कि नार्थ कोरिया में लोगो पेटभर खाना तक नही मिल पा रहा लेकिन वहा के तानाशाह करोडो रुपए खर्च हाइपरसोनिक मिसाइलों के परीक्षण कर रहा है, उसी का दोस्तो चीन भी पीछे नही, दरअसल एक सर्वे के मुताबिक सेंट्रल एशिया में अपने रुतबे को बरकरार रखने चीनी सरकार ने अपने डिफेंस बजेट में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी किये जाने का अनुमान है, अपने पड़ोसी देशों पे दबाव कायम रखने चीन नये नए हथियारों के निर्माण पर पानी की तरेह पैसा बह रहा है, हालांकि चीन को उसीकी के भाषा मे जवाब देने भारत की तैयारियां भी कम नही.
बीते महीने 9 सफल टेस्ट करने के बाद अब DRDO की ओर से सबसे घातक हथियार के परीक्षण को लेकर खबर सुनने को मिल रही है, हालांकि ये कोई ऑफिसियल खबर नही लेकिन मीडिया सोर्सेज की ओर से कहा जा रहा है कि 2017 में DRDO की तरफ से रेलगन का सफल परीक्षण करने के बाद अब उसी रेलगन को नई स्पीड के साथ टेस्ट करने का फैसला लिय्या गया है, आप ये आर्टीकल देख रहे है, इंडिया.कॉम की ओर से जारी इस आर्टिकल के मुताबिक DRDO ने 2017 में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन का सफल टेस्ट किया था, इसमे किसी भी तरेह का विस्फोट ऐंजिन्स का इस्तेमाल किये बिना लगभग 6 मैक यानी 7400kim/h की रफ्तार प्रोजेक्टिले यानी राकेट को लांच किया गया था, जो कि करीब 12mm कैलिबर का बताया जा रहा है, ओर टेस्ट दौरान इसकी एक्यूरेसी लगभग 0.3 मीटर नोट की गई थी, मतलब हम जो पलके झपकाते ये उससे भी पांच गुना तेजी के साथ हमला कर देती है.
अब इस आर्टिकल के मुताबिक DRDO नई से डिज़ाइन की गई रेलगन को टेस्ट करेगा, जिसमे इतेमाल किये जाने वाले रॉकेट्स 30mm कैलिबर के तक रेहने वाले है, और रेंज 7.8 मैक यानी लगभग 8 से 9 हजार किलोमीटर प्रति घंटे तक बताई गयी, आसान भाषा मे कहे कि ये इतनी हाई स्पीड से ट्रेवल करेगी की सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने वाली क्रूज मिसाइल्स तक इसके निशाने पे रेहने वाली है, चीन के पास भी इतनी हाई स्पीड वाली रेलगन मौजूद नही, अब रेलगन के बारे में आपको बता दु तो इसे खास नेवी के लिए बनाई जाती है, जो लीनियर मोटर डिवाइस के जरिये, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स के मदद से हाई स्पीड से लांच की जाती है, खबसे खास इन प्रोजेक्टिल्स से किसी भी तरेह का बडा धमाका नही किया जा सकता, क्योकि इनमे विस्फोट नही लगाया जाता, ये किसी बुलेट की तरेह निशाना लगाती है कि लेकिन हैरतअंगेज रफ्तार ओर अचूक मारक क्षमता के साथ.
इसे खासकर सोनिक स्पीड से उड़ान भरने वाले मिलिट्री गाजेट्स को तबाह करने के मकसद से नेवी को दी जाती है अभी तक सिर्फ 3 देशों ने इसे ऑफिशियली टेस्ट की है जो कि अमेरिका, चीन और भारत, चीनी खतरे को देखते हुए अब जापान भी इसपर काम कर रहा है, तो श्यायद आपको समझ आ चुका होगा कि रेलगन क्या है और कौन इसे इस्तेमाल करत है, तो DRDO के आगामी रेलगन परीक्षण को लेकर एक जय होंद जरूर लिखे.
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