लीजिये दोस्तों चीन ने फिर एकबार तमाशा खड़ा कर दिया, लगता है इसबार हथियारों से नहीं तो जुबानी जंग लढी जा रही है, वैसे भी चीनी सरकार ऐसे मौको के तलाश में ही रेहती की कैसे बात का बतंगड़ बनाया जाए, खैर आपको याद होगा कल ही आर्मी चीफ नरवनेजी की तरफ से चीन को एक पैगाम दिया गया था, की LAC विवाद सुलझाने में चीन मदद नहीं कर सकता तो रही कम से कम हमारे इलाके में हो घुसपैठ तो रोक दो, अगर आपसे ये काम भी नहीं हो रहा तो हमें भी मजबूरन हथियार उठाने पड़ेंगे, सेना प्रमुख ने तिखे शब्दों में चीन को चेतावनी दी थी, की अगर चीन सीधी बात नहीं मानता, तो हमारे लिए भी संघर्ष ही आखरी रास्ता है, उस समय हम चीनियों को मारकर ही विजयी होंगे, आपको भी पता है, की चीनी कमांडर्स ने एक नहीं २ नहीं तो पुरे १४ बार भारत के प्रस्तावों को ख़ारिज कर दिया, LAC पे शांति कायम करने वाले भारत के हर एक प्रस्ताव को चीनी सेना ने मानने से मन कर दिया, ऊपर से अवैध तरीके से भारतीय इलाको में घुसपैठ भी कर रही.
अभी जो 14 कोर कमांडर मीटिंग हुयी उसमे भी यही देखने को मिला, मीटिंग का में मकसद था हॉट स्प्रिंग से चीनी सैनिको को वापिस भेजना, लेकिन चीन ने उसे अपनी जगेह बताकर मीटिंग को फेल करा दी, उल्टा भारत हमारी सरजमी पे कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है ऐसे बयान भी दिए गए इन्ही बातों से गुस्सा हुए सेना प्रमुख ने चीनियों के पिटाई को एकमात्र उपाय बताया था, क्योकि लातों के भुत बातों जो नहीं मानते, पर लगता है सेना प्रमुख का ये बयान चीन को ज्यादा ही तीखा लगा, इसीलिए तो नरवनेजी के स्टेटमेंट के एक ही दिन बाद चीनी विदेशमंत्रालय कुत्ते की तरेह भोकने लगा, दरअसल दोस्तों खबरे सुनने को मिल रही है की आर्मी चीफ के बयान से तिलमिला चीन भारत को समझदारी की भाषा समझा रहा.
इसी मुद्दे को लेकर आज तक ने एक आर्टिकल जारी किया है, जिसके मुताबिक चीनी विदेशमंत्रालय ने सेना प्रमुख के उस बयान की आलोचना की, जिसमे चीनियो के खिलाफ संघर्ष की बात कही गयी थी, चीनी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबीन ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, चीन और भारत सीमा पर तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तरों पर काम कर रहे है, ऐसे में अच्छा यही रहेगा की भारतीय जन्द्रल्स ऐसी बेतुकी बाते ना करे, सुना आपने दोस्तों चीन ने कहा की भारतीय अधिकारी बेतुकी बाते ना करे, मतलब हम सही काम के लिए थोडा तीखा बोले तो वो बेतुकी वाला काम और जो ये चीनी सैनिक दूसरों के पर्सनल मामलों में इंटरफ़ेस कर रहे, दूसरो देशों की जमीन हड़प रहे, कमजोर देशों को धमाका रहे वो मात्र सही काम, चीनी स्पोक पर्सन्स को ऐसी स्टेटमेंट्स के लिए तो अवार्ड दिया जाना चाहिए, आपको बतु दू की इसी ब्रीफिंग के दौरान जब एक भारतीय पत्रकार ने 14 कोर कमांडर की मीटिंग से रिलेटेड जानकरी साझा करने को कहा तो इन महाशय की बोलती बंद हो गयी, अब सबके सामने चुप्प भी नहीं बैठ सकता इसीलिए इधर उधर से जवाब देते हुए कहा, की मिलिट्री लेवल की जानकरी हम आपसे साझा नहीं कर सकते है, वैसे भी उस मीटिंग में कोई बात नहीं तो आपको क्या बताये, इससे यही साबित होता है की जब सच्चाई बताने का समय आये तो ये चीनी गिरगिट की तरेह रंग बदलते है, खैर भारतीय सेना तो रुकेगी नहीं, वहा सेना प्रमुख ने आदेश जारी किये यहाँ भारतीय सेना ने भी तैयारी शुरू कर दी.
सुनने को मिल रहा है की LAC पे बढ़ते गतिरोध के बिच अपनी पोजीशन को मजबूत बनाने सेना और एक स्पेशल डिविजन बॉर्डर पर भेज रही है, और कुछ हथियार भी तैनात होंगे, तो चीन तुम सिर्फ चिल्लायो बाकि सब इंडियन आर्मी संभालेगी, वैसे चीनी विदेश मंत्रालय के बयांन पर आपको कुछ केहना है, तो निचे कमेंट करके जरुर बतायेगा.
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