आप भी जानते है कि युक्रेन पे हमला करके युक्रेन के साथ साथ रूस को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है, हालांकि युक्रेन की तरेह जानमाल का नही, लेकिन अन्तराष्ट्रीय व्यापार में रूस का काफी नुकसान हो रहा है. अमेरिका रूस को जंग के मैदान में नहीं तो ट्रेड वॉर में बड़ी शिकस्त दे रहा है, आपको बता दु की अमेरिका ने रशिया पे Energy, Aviation, Defence Technology, Broadcasting and Internet ओर Space जैसे हर एक क्षेत्र से रूस को बाहर निकाल फेका, बल्कि रशिया की 30 पसेंट इनकम जिससे है यानी कच्चा तेल और Gas लाइन उसे भी इन दिनों अमेरिका समेत पश्चिमी यूरोप में बैन की जा चुकी है.
कोरोना की वजेह से रूस की इकोनॉमी पेहले ही डगमगा चुकी थी, ऐसे में जब पैसा कमाने का मौका है, तो रशिया पे प्रतिबंध लगाए जा रहे, आप यू कहे कि यूक्रेन हमले की सजा रूस को प्रतिबंधों के माध्यम से दी जा रही है, अब इन्हीं प्रतिबंधो से तंग आयी रशियन्स कंपनी ने भारत के लिए एक बड़ी ऑफर पेश की, दरअसल बिजनेस स्टैण्डर्ड के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिबंधो से तंग आई रूसी कंपनियों द्वारा भारत को कच्चे तेल की कीमत पर 25-30 पसेंट तक की छूट की ऑफर पेश की है.
जी हा दोस्तो 30 पसेंट तक की छूट, क्या आपको बता है की बाजार में कच्चे तेल की कितम कितनी बढ़ चुकी है, 118 डॉलर प्रति बैरल युक्रेन रूस के युद्ध ने तेल के भाव आसमान में पहोचा दिए है, हमारे यहा भले ही बीते 4 महीनों से 109 पे पेट्रोल रूका हुआ है, लेकिन उसके पीछे भी वजेह थी, जो कि है इलेक्शन्स.
अब चुकी विधान सभा के रिजल्ट्स आ चुके है, तो हो सकता है कि डिजेल पेट्रोल के भाव भी बढ़ जायेंगे, क्योकि पूरी दुनिया मे तो बढ़ ही चुके है. ऐसे में भारत के लिए ये ऑफर किसी राहत से कम नही, दरअसल यूक्रेन हमले को लेकर रूस की कई बैंकों को अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम यानी स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया गया है, जिससे रूस के लिए अन्य देशों के साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया, बल्कि रूस ने दूसरे देशों को लुभाने रूस ने अपने कच्चे तेल की कीमत 12 डॉलर प्रति बैरल भी कर दी थी, फिर भी अमेरिकी संक्शन्स के चलते ओर रूस के पास स्विफ्ट सिस्टम का एक्सेस ना होने की वजह से कोई भी देश रशिया से कच्चा तेल नही खरीद रहा.
अब आप बोलोगे की फिर भारत कैसे खरीदेगा, जब रशिया के साथ डॉलर में डील ही नही की जा सकती तो फिर रूस हमे यह आफर क्यो दे रहा है. तो दोस्तो इसके पीछे भी कारण है, आपको याद होगी S400 डील, 35 हजार कोरोड की ये मेगा डील का भुगतान भी कहा भारत US डॉलर में कर रहा है.
अमेरिकी संक्शन्स के चलते भारत रूस ने डॉलर के बजाय रुपे रूबल में S400 का भुगतान करने के फैसला किया, ओर भारत ने S400 जो पेहली 6000 करोड़ की किश्त अदा की वो इसी सिस्टम से, फिलहाल रूस के पास भारत ही ऐसा देश है जो अपने सारे प्रोडक्ट्स डॉलर के बजाय अपनी करेंसी में हमे बेच सकता है. इसीलिये तो रशिया ने इतनी बम्पर ऑफर पेश की है, अगर भारत इतने कम कीमत में कच्चा तेल रशिया से खरीद कर रखता है तो भविष्य में देश मे तेल की कीमतें बैलेंस रखी जा सकती है, ओर अमेरिका भी तो यही करता है, दूसरे देशों से कम लागत में तेल खरीदकर अपने स्टॉक बढ़ा रहा है. ओर जब बाजार में तेल की कीमतें आसमान छू रही होती, तो चुपके से अपना क्रुड आयल बाहर निकलता है. हालांकि हमे कोई तेल बेचना नही, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आने में अभी समेय है, तो ऐसे में रूस की इस ऑफर का फायदा हमे उठाना चाहिए. पता नही फिर कभी ऐसा मौका मिला या ना मिले.
आपकी क्या केहना चाहेंगे इसपर कमेंट करके जरुर बतायेगा
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